10 मिनट का HIIT (High-Intensity Interval Training)
- क्या है: HIIT में उच्च-तीव्रता वाले व्यायाम (जैसे जंपिंग जैक, बर्पी, स्क्वाट्स आदि) और हल्के व्यायाम के बीच छोटे-छोटे अंतराल होते हैं।
- लाभ: HIIT आपके शरीर को तेजी से कैलोरी जलाने के लिए उत्तेजित करता है, और मेटाबोलिज़्म को बढ़ावा देता है, जिससे आप आराम करते हुए भी अधिक कैलोरी जलाते हैं।
- कैसे करें:
- 30 सेकंड के लिए उच्च-तीव्रता वाला व्यायाम करें और फिर 30 सेकंड आराम करें।
- इसे 10 मिनट तक दोहराएं।
- उदाहरण: बर्पी, माउंटेन क्लाइम्बर्स, जंपिंग जैक, या हाई नीज़ रनिंग।
2. योग और प्राणायाम (Breathing Exercises)
- क्या है: योग के कुछ आसन और प्राणायाम (जैसे कपालभाति, अनुलोम-विलोम, या भ्रामरी) वजन घटाने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि ये शरीर को detoxify करते हैं और मानसिक तनाव को कम करते हैं।
- लाभ: योग और प्राणायाम मेटाबोलिज़्म को संतुलित करता है, तनाव को कम करता है, और शरीर की चर्बी को घटाने में मदद करता है।
- कैसे करें:
- रोज 10 मिनट का योगाभ्यास करें, जिसमें कपालभाति, सूर्य नमस्कार, और कुछ आसनों का अभ्यास हो सकता है।
आज जो अभ्यास मैं आपके साथ सांझा कर रहा हूँ इन अभ्यासों से जो fat आपके शरीर में बड़ा हुआ है, साइड में fat आया हुआ है, पेट के ऊपर fat दिखाई देता है। थईस बहुत ही हेवी हो गई हैं और आपके शरीर में जो भारीपन बना रहता है वो कम होना शुरू हो जाएगा। fat बर्न होना शुरू हो जाएगा और केवल fat ही नहीं घटेगा।
साथ ही साथ आपके शरीर को एक सही आकृति भी मिलेंगे। इन अभ्यासों से मांसपेशियों की ताकत भी बढ़ेगी, स्ट्रेंथ भी बढ़ेगी और आप अच्छा अनुभव करेंगे। ये जो अभ्यास है ये किस तरीके के अभ्यास है? ये किस तरीके के प्रभाव आपके शरीर पर रखते हैं इस बात को भी आप समझ ले देखिए।

Fat बड़ने का कारण :-
आपके शरीर की हर एक फंक्शनिंग के लिए आपको ऊर्जा की आवश्यकता होती है, ये जो ऊर्जा है, ये आपको भोजन से मिलती है। आप जो भी आहार लेते हैं वो शरीर में जाता है, बर्न होता है और कैलोरी के रूप में ये ऊर्जा आपको मिलती है।
आपको जितनी डेली कैलोरी रेक्विरेमेंट होती है उसको जब आप लेते हैं तो उसको आपका शरीर प्रयोग करता है और आपका जो भी कार्य है आपके शरीर की फंक्शनिंग है, वो चलती रहती है लेकिन जब ये कैलोरी ज्यादा हो जाती है तो इसको आपका शरीर स्टोर करना शुरू कर देता है ये।
fatके रूप में स्टोर होनी शुरू हो जाती है और आपका मोटापा बढ़ता चला जाता है जो ये fatबढ़ता है।
Fat ke प्रकार
आपके शरीर में ये fatभी दो तरीके का होता है एक होता है सबकुटेनियस fat और दूसरा होता है विजरल fatजो सबकुटेनियस fatहोता है।
ये आपकी स्किन के नीचे रहता है और इसको आप ऊपर से पकड़ करके भी अनुभव कर सकते हैं जो आपके पेट के ऊपर टाइयर्स बनने शुरू हो जाते हैं। ये सबक्यूटेनियस fatहोता है और ये जो सबक्यूटेनियस fatहै ये आपके लिए बहुत ज्यादा हार्मफुल नहीं है।
इसको आप आसानी से कम भी कर सकते हैं। दूसरे तरीके का जो fatहै ये होता है fatऔर यही आपके लिए नुकसानदायक होता है। ये जो fatहै ये आपकी एबडोमिनल कैविटी में अंदर की तरफ पाया जाता है।
मांसपेशियों के पीछे रहता है और आपके जो इंटरनल ऑर्गन है, आपका हार्ट है, आपका लिवर है, इन्टेंस्टाइन है उनको ये चारों तरफ से घेरना शुरू कर देता है। ये जो विजरल fatहै, ये केमिकल अक्टिव होता है। इससे बहुत सारे चेमिकल्स हार्मोन का सिक्रीशन होता है, जिसकी वजह से।
Fat se होने vali disease:-
आपके शरीर में टॉक्सिन बढ़ने शुरू हो जाते हैं और आपको अनेक प्रकार की समस्याएं, बीमारियां जैसे की कैंसर, डायबिटीज़, हार्ट से संबंधित समस्याएं आपके रक्त की जो धमनियां हैं उनमें ब्लॉकेज आनी शुरू हो जाती हैं। डिमेन्शिया जैसी बहुत सारी ऐसी समस्याएं हैं।
जो की इस fatके बढ़ने से होती हैं।
अब जो आज के हमारे अभ्यास हैं, जब आप उन अभ्यासों को करते हैं तो ये fatजो अंदरूनी स्तर पे भी जमा हुआ है। ये भी कम होना शुरू हो जाता है, होना शुरू हो जाता है और आपके शरीर को सही आकृति तो मिलती ही है, साथ ही साथ आप बहुत सारी समस्याओं से बच जाते हैं। आपका जीवन बेहतर हो जाता है
जो आज हम ये अभ्यास कर रहे हैं।
ये है आइसोमीटरिक एक्सर्साइज़
इन अभ्यासों में आपको एक पोस्टर में जाना होता है और वहाँ पर होल्ड करना होता है। इसमें किसी तरीके का मूवमेंट आपको नहीं करना है, बस एक स्थिति में जाना है और वहाँ पर जितना लंबा आप अधिक से अधिक होल्ड कर सके, उतना लंबा करना है। आज ये विज्ञान कहता है कि इस प्रकार के अभ्यासों से अनेक प्रकार के आपको लाभ मिलते हैं, लेकिन हमारे यौगिक अभ्यास तो।
सारे ही ऐसे अभ्यास हैं जिनमें जा करके हम होल्ड करते हैं, 8रुकते हैं और इसी वजह से सामान्य से दिखने वाले यौगिक अभ्यास भी आपके fatको बर्न करने में और आपको अच्छे स्वास्थ्य लाभ देने में अति महत्वपूर्ण होते हैं।
इसी प्रकार की आइसोमीटरिक एक्सर्साइज़ भी कुछ होती है। इसमें आप जाएंगे और होल्ड करेंगे। ये काम ऐसे करते हैं कि जब आप किसी एक पोस्चर में जा करके रुकते हैं उस समय पर भी आप जब थोड़ा लंबा होल्ड करेंगे तो कैलोरी बर्न होनी शुरू हो जाती है, आपकी स्ट्रेंथ लगती है, ताकत लगती है, ऊर्जा लगती है। साथ ही साथ।
जब आप एक पोस्चर में होल्ड कर रहे होते हैं तो आपकी मांसपेशियों के तल पर बहुत सारी टूट फूट होती है और उस टूट फूट की रिपेरिंग के लिए शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। तो जब आप रेस्ट भी कर रहे होते हैं उस समय पर भी आपका शरीर।
fatको बर्न करके ऊर्जा का निर्माण करके शरीर की रिपेरिंग का काम करता है। यानी कि अगर आपने अच्छे तरीके से अच्छी मेहनत के साथ इन अभ्यासों को कर लिया तो अभ्यास करते हुए भी और अभ्यास करने के बाद भी दोनों ही तरफ आपको अच्छे लाभ मिलेंगे और आपके शरीर से जो।
fatअतिरिक्त है वो बर्न होना घटना शुरू हो जाएगा। अब हम आगे बढ़ते हैं और हम समझते हैं कि ये कौन कौन से अभ्यास हैं और कैसे आपको इनको करना है।
कैलोरी नियंत्रित आहार (Calorie Control)
- क्या है: वजन घटाने के लिए आहार का नियंत्रण बहुत महत्वपूर्ण है। आपको जितनी कैलोरी की आवश्यकता होती है, उससे कम कैलोरी का सेवन करना होगा।
- लाभ: सही आहार और पोषण के साथ वजन कम करने में मदद मिलती है।
- कैसे करें:
- हरी सब्जियां, फल, और प्रोटीन युक्त आहार खाएं।
- कार्ब्स और शक्कर का सेवन कम करें।
- छोटे और संतुलित भोजन खाएं।
हमारा यहाँ पर जो पहला अभ्यास है।
इसमें आपको इस तरीके की स्थिति में आ जाना है और यहाँ पर आकर के होल्ड करना है। यौगिक अभ्यासों में इसे दंडासन कहा जाता है। इसमें शरीर दंडवत सीधा आपको रखना होता है |
और आगे के आसान इस प्रकार से हैं
2.दूसरा अभ्यास है भुजंगासन
3.तीसरा आसान है ताड़ासन
4. सूर्य नमस्कार:- यह सब आसनों का उपयुक्त आसान माना जाता है क्योंकि इस आसन में पूरी बॉडी की एक्सरसाइज होती है
5. सर्वांगासन!
निष्कर्ष:
अगर आप दिन में सिर्फ 10 मिनट का समय दे पाते हैं, तो भी आप वजन कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा सकते हैं, लेकिन यह समझना जरूरी है कि केवल 10 मिनट का व्यायाम और आहार में हल्का बदलाव पर्याप्त नहीं होगा। एक स्थिर और संपूर्ण योजना के तहत वजन घटाना सबसे प्रभावी तरीका है। नियमित व्यायाम, सही आहार, और मानसिक शांति से आप निश्चित रूप से अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं।